मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

।। दुर हटो ऐ दुनियावालोँ ये हिन्दोस्तान हमारा है ।।

धारा 370 आखिरकार एक राजनैतिक मुद्दा बन ही गया । वैसे पिछले 70 साल से ये मुद्दा विवादीय रहा है और जबतक स्वतंत्र राज्य का यह कानुन को तोड़ा नहीँ जाता 370 ऐसे ही अनसुल्झा रहेगा । जम्मू-कश्मीर समस्या भारत की अनेक समस्याओं की तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू की ही देन हैं । पर इसके लिये वो इमोस्नाली विवश थे । उन्होने जिन सर्पोँ को दुध पिलाया था वो आस्तिन के साँप निकले । आज 70 साल वाद भारत नेँ वहुत खोया है और इसके लिये नालायक नेतृत्व जिम्मेदार हे । समाज से अकसर एक कमजोर नेता चुनलिया जाता है जिसके अंतराष्ट्रीय कुटनीति की कोई ग्यान नहीँ और इतिहास गवाह है यहाँ विदुर जैसे ग्यानी को वातुनि और मुँखौल वोल कर उनको अनसुना किया जाता रहा है और फल स्वरुप महाभारत जैसे महायुद्ध को झेलना पडता है । 1948 मेँ पाक नेँ कुटनीति तथा अमरीका पिठवल के दम पर भारत से 26000 वर्ग किलोमिटर छिन लिया । और हमारे नेतागण ठिक द्रोण कृप और भिष्म पितामह के तरह विवश थे । 1962 मेँ कृष्ण मेनन जैसे नाकारा मंत्रीयोँ के वजह से भारत को 72000 हजार वर्ग किलोमिटर जमीन से हात धोना पडा । तो 1965 मेँ कुछ दुर्वल कंग्रेसी नेताओँ के वजह से शास्त्री जी चल बसे और साथ ही पाक से जीता हुए भुभाग से हमेँ हात धोना पडा । और 21 वीँ सदी मेँ भी वही कंग्रेस देश का वागडोर संभाला हुआ है और आज भी इन्हे सिर्फ हाँ जी हाँ जी करना ही आता है । समय आ गया है कि धारा ३७० हटाई जाय अब कश्मीर बचाने क़ा कोई रास्ता नहीं है जो धारा ३७० बनाये रखना चाहते है वे भारत बिरोधी है ऊमर या राहुल से कोई उम्मीद नहीं कर सकते क्यों कि दोनों क़े पूर्बजो की करतूतों क़े करण ही आज देश की यह हालत हुई है ऊमर अब्दुल्ला भी मुफ्ती महबूबा या अन्य देश बिरोधी ताकतों क़े साथ ही है धाटी - हिन्दू बिहीन होने क़े करण भारत से दूर जाती दिखाई दे रही है । दोस्तो अगर आप वाकई कश्मीर के हालत सुधारना चाहते हैं तो वहां लागू अस्थायी धारा ३७० को हटा देना होगा । यह धारा कश्मीर को शेष भारत से पृथक करती है। इस धारा के कारण ही वहां अलगाववादियों को पनपने का मौका मिलता है । पाकिस्तान पिछले 10 साल से इसी फिराक मेँ लगा हुआ है की कब भारत विरोधी लोगों का वर्चस्व घाटी में बढ़ाकर कश्मीर को भारत से छीन लिया जाए । ''लेकिन आज मेँ ये ऐलान करता हुँ दुर हटो ऐ दुनियावालोँ ये हिन्दोस्तान हमारा है मेहनत और खुन से सिँचा है वतन को अपना खैरत मेँ नहीँ मिली । ।। जय हिन्द ।।